एग्रीकल्चरल रिफार्म बिल :-
मेरे प्यारे देश वासियों मैं आशा करता हूँ की आप सब लोग इस कोरोना काल में स्वस्थ होंगे और अपने अपने घरों में होंगे। आज मैं आपको Agriculture Reform Bill के बारे मे बताऊंगा। कृषि सुधार बिल या एग्रीकल्चर रिफार्म बिल केंद्र सरकार ने 2020 मे लाया है। इस बिल के अंदर सरकार 3 नए संशोधन लाया है। आज मैं आपको अपने इस आर्टिकल के माध्यम से Agriculture Reform Bill की सारी जानकारी दूंगा। मैं आपको बताऊंगा की यह 3 नए संशोधन क्या हैं और हमारे देश के किसान आंदोलन क्यों कर रहे हैं। कृपया मेरे इस लेख को अंत तक पड़ें यह आपके लिए बोहत ज़ादा लाभदायक है।
कृष्ण सुधार बिल 2020 के 3 नए संशोधन क्या क्या हैं :-
- आवश्यक वस्तु अधिनियम बिल (Essential commodities ammendment bill).
- मूलय आवशासन पर बदोवस्त और सुरक्षा समझौता (Farmer empowerment and protection agreement on price assurance and farm services bill).
- कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य (Farmers produce trade and commerce promotion and facility bill).
1 आवश्यक वस्तु अधिनियम बिल :-
Agriculture Reform Bill के अन्तर्ग्रत सबसे पहला संशोधन है आवश्यक वस्तु अधिनियम बिल। इसे हम भण्डारण नियम भी कहते हैं। भण्डारण का मतलब हुआ अनाज या सब्ज़ी इकठा करके रख लिया और बेचा नहीं। इसके अन्तर्ग्रत अब कोई भी अनाज या किसी भी खाने की वस्तु का भण्डारण कर सकता है। सब्ज़ियां आदि का भण्डारण कर सकता है इसे कोई भी कर सकता है अगर किसान चाहे तो वह अपना निकाला हुआ अनाज घर पर रख सकता है और कुछ समय बाद बेच सकता है। भण्डारण कोई दूकान वाला भी कर सकता है और बड़े बड़े गोदाम वाला इंसान भी कर सकता है। वह बस युद्ध के समय और किसी आपदा के समय भण्डारण नहीं कर सकता।
इससे फायदा और नुक्सान :-
- किसान अपना अनाज ज़ादा घर पर नहीं रख पायेगा क्यों की उसे अगली खेती करने के लिए कुछ पैसे चाहिए होंगे।
- बड़े बड़े गोदाम वाले किसानो से सस्ते मे राशन लेकर बाद मे महंगा बेच पाएंगे।
- भण्डारण करके रखने से बड़े बड़े व्यपारियों को फायदा होगा।
- भंण्डारण करके रखने से बड़े व्यापारी अपनी मनमानी करेंगे अनाज को तब बेचेंगे जब अनाज महंगा हो जाएगा।
- किसान के पास इतने बड़े गोदाम नहीं होते की वह भण्डारण कर सकें।
- इससे बड़े वयापारी काला बाज़ारी भी कर सकते हैं।
2 मूलय आवशासन पर बदोवस्त और सुरक्षा समझौता :-
Agriculture Reform Bill के अन्तर्ग्रत दूसरा संशोधन है मूलय आवशासन पर बदोवस्त और सुरक्षा समझौता। इसे हम कांटेक्ट फार्मिंग भी कहते हैं। इसके अन्तर्ग्रत बड़ी बड़ी कंपनियां पुरे गाँव के लोगो को अग्ग्रिमेंट कर लेगी। जिसमे वह खेती से पहले ही किसानो को एक रेट देदेगी इसका मतलब हुआ प्राइस बिफोर फार्मिंग। जैसे आप अपने खेत में आलू लगाते हैं आपको आलू की खेती से पहले की बड़ी कंपनी एक रेट दे देगी की वह आपका आलू इतने रुपए किल्लो के हिसाब से लेगी। इससे किसानो को फायदा होगा उन्हें पहले से ही पता होगा की उनका आलू या कोई भी चीज़ इतने मे ही बिकेगी जिससे उन्हें बाद मे फ़िक्र करने के कोई ज़रूरत नहीं होगी।
इस संशोधन के फायदे और नुक्सान :-
- किसान को अब पहले ही पता होगा की उनकी फसल या सब्ज़ी कितने रुपए में बिकेगी।
- अगर किसान ने जैसे 20 रुपए किल्लो के हिसाब से अपनी कोई फसल का कॉन्ट्रैक्ट किसी कंपनी से किया होगा।
- और वह फसल उस समय 50 रुपए किल्लो के हिसाब से बाहर बाजार मे बिक रही होगी तो किसान को नुक्सान होगा।
- अगर वह फसल 20 रुपए से नीचे बिक रही होगी तो किसान को फायदा होगा।
- किसान को इस से फायदा ही होगा क्यों की वह पहले ही एक ऐसा रेट रख सकते हैं जिसे उन्हें नुक्सान ना हो।
- पर इसकी देख रेख कौन रखेगा।
- अगर कंपनी को घाटा हो गया और वह बंद हो गयी तो उसकी सब देख रेख कौन रखेगा।
- किसान फिर अपनी फसल या सब्ज़ी किधर जा कर बेचेंगे।
- सरकार ने गाँव गाँव जाकर किसानो से बात नहीं की और किसी गाँव के प्रधान को इसकी ड्यूटी नहीं दी जिससे वह इसे समझ नहीं पाए ढंग से।
3 इसके अन्तर्ग्रत कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य :-
Agriculture Reform Bill के अन्तर्ग्रत तीसरा और अंतिम संशोधन है कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य। इसके अन्तर्ग्रत किसान अपनी फसल ,फल या सब्ज़ी भारत मे कहीं भी बेच सकते हैं। किसान अपना सामान मंडियों या बाजार समिति में भी बेच सकते हैं। सरकार इस संशोधन को ऑनलाइन कर देगी। आप ऑनलाइन वेबसाइट पे जाकर भारत मे किसी को भी कहीं पे भी अपना सामान बेच सकते हैं। किसानो को लग रहा है की उनका MSP छीन लिया। MSP का मतलब है मिनिमम सपोर्ट प्राइज। मोदी ग ने खा है की वह MSP को खत्म नहीं करेंगे। सरकार किसानों से फसल या अन्य चीज़े उस टाइम मार्किट मे जो रेट चला होगा उसके हिसाब से ही ख़रीदेंगे।
इसके नुक्सान और फायदे :-
- इससे बिचोलिये और आढ़तियों के चकर मे नहीं पड़ना पड़ेगा।
- लेकिन बिचोलिये किसान का अनाज एक दम बेच देते हैं बिना बिचोलिये के सामान बेचना मुश्किल हो जाएगा।
- बिचोलिये और आढ़ती कह रहे हैं उन्होंने जो गोदाम बनाये हैं बड़े बड़े वो खान जाएंगे उनका क्या होगा।
- इस संशोधन के अंदर किसान अपनी फैसले देश के किसी भी कोने मे जा कर बेच सकते हैं।